Remember onions? There’s a quality in them. No, not that they make you weep while you slaughter them. But that they have layers under layers in them. A thing we find in things around us too. They have different meanings, personalities and characters beneath the skin. But we sometimes miss to see them. This blog is an effort to explore those layers in an amusing way.
Tuesday, December 03, 2013
Wednesday, November 27, 2013
स्याही या जूता
परसों किसी ने केजरीवाल पर स्याही (इंक) फेंक दी। अब तक जूते फेंकने की परम्परा रही है। स्याही फेंकना एक नए युग की शुरुआत है।
वैसे देखें तो स्याही फेंकने के कई फायदे हैं जो जूते फेंकने में नहीं है।
पहला तो यह कि स्याही सस्ती पड़ती है। बीस-तीस रुपयों में एक बोतल आ जाती है। जूते फेंकने में खर्च ज़्यादा आयेगा क्योंकि जब आपको पुलिस पकड़कर ले जा रही होगी तो आप फेंका हुआ जूता तो वापस माँगने नहीं जायेंगे। हाँ, अगर फेंकने के लिए एक एक्स्ट्रा जूता बैग में लेकर आयें तो अलग बात है। पर मामला फिर भी खर्चीला है।
दूसरी बात यह कि जूता फेंकने पर दाग नहीं पड़ता। स्याही फेंकने पर दाग कई दिनों तक रहता है। आपके हमले से हुए ज़ख्मों के निशान दुश्मन के शरीर पर लम्बे समय तक रहते हैं।
तीसरा यह कि स्याही फेंकने से शोहरत तो मिलती है पर कानूनी सज़ा मिलने के मौके कम हो जाते हैं। स्याही से शारीरिक चोट नहीं पहुँचती। इसलिए कोई वकील यह नहीं कह सकता कि आपका उद्देश्य चोट पहुँचाना था या जानलेवा था।
चौथा यह कि स्याही फेंकना ज़्यादा भारतीय है। इसमें होली वाला फलेवर आ जाता है।
वैसे देखें तो स्याही फेंकने के कई फायदे हैं जो जूते फेंकने में नहीं है।
पहला तो यह कि स्याही सस्ती पड़ती है। बीस-तीस रुपयों में एक बोतल आ जाती है। जूते फेंकने में खर्च ज़्यादा आयेगा क्योंकि जब आपको पुलिस पकड़कर ले जा रही होगी तो आप फेंका हुआ जूता तो वापस माँगने नहीं जायेंगे। हाँ, अगर फेंकने के लिए एक एक्स्ट्रा जूता बैग में लेकर आयें तो अलग बात है। पर मामला फिर भी खर्चीला है।
दूसरी बात यह कि जूता फेंकने पर दाग नहीं पड़ता। स्याही फेंकने पर दाग कई दिनों तक रहता है। आपके हमले से हुए ज़ख्मों के निशान दुश्मन के शरीर पर लम्बे समय तक रहते हैं।
तीसरा यह कि स्याही फेंकने से शोहरत तो मिलती है पर कानूनी सज़ा मिलने के मौके कम हो जाते हैं। स्याही से शारीरिक चोट नहीं पहुँचती। इसलिए कोई वकील यह नहीं कह सकता कि आपका उद्देश्य चोट पहुँचाना था या जानलेवा था।
चौथा यह कि स्याही फेंकना ज़्यादा भारतीय है। इसमें होली वाला फलेवर आ जाता है।
Thursday, November 21, 2013
Wednesday, November 20, 2013
Tuesday, November 19, 2013
Be Careful When You Give With A True Heart
Our elders say that if you give something with a true heart, it always comes back to you in some or other form.
Now I have the habit of putting grains and water on my terrace in summers so that birds could come and feed themselves. I have done it for a couple of years.
Recently I purchased a scooter to commute to office and other places. I park it opposite the lane near my house. Almost every morning when I reach the scooter, I find birds’ shit on its seat, mirror and other parts. It really pisses me off since my lovely morning starts not with a prayer but with cleaning somebody’s shit.
But I feel good about one thing. Our elders were correct. What I gave with a true heart is coming back to me in some or other form.
Now I have the habit of putting grains and water on my terrace in summers so that birds could come and feed themselves. I have done it for a couple of years.
Recently I purchased a scooter to commute to office and other places. I park it opposite the lane near my house. Almost every morning when I reach the scooter, I find birds’ shit on its seat, mirror and other parts. It really pisses me off since my lovely morning starts not with a prayer but with cleaning somebody’s shit.
But I feel good about one thing. Our elders were correct. What I gave with a true heart is coming back to me in some or other form.
Friday, November 15, 2013
Wednesday, October 23, 2013
Friday, October 18, 2013
Tuesday, September 17, 2013
Friday, August 30, 2013
Tuesday, August 27, 2013
Thursday, August 22, 2013
Wednesday, July 31, 2013
Monday, July 29, 2013
Monday, July 22, 2013
Friday, July 19, 2013
Tuesday, July 16, 2013
Monday, April 08, 2013
Tuesday, March 26, 2013
Subscribe to:
Posts (Atom)