Friday, March 04, 2011

अगर बाबा रणछोड़दास चांचड़ की जगह चुलबुल पांडे होते!


पिछले साल दो फ़िल्में आयीं जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड तोड़ दिए - 3  इडियट्स और दबंग. 3 इडियट्स के नायक रणछोड़दास चांचड़ थे तो दबंग के नायक चुलबुल पांडे थे. एक मस्तिष्क के धनी थे तो दूसरे मांसपेशियों के. पर दोनों अपने अपने क्षेत्र में विजेता थे. यहाँ हम यह विश्लेषण करने बैठे हैं कि अगर रणछोड़दास चांचड़ की जगह चुलबुल पांडे होते तो कैसे व्यवहार करते. आशा है आपने इन दोनों फिल्मों को देखा है. तभी आप इस विश्लेषण के साथ उचित न्याय कर पायेंगे.

1 . रैगिंग के समय : फिल्म के शुरुआती दृश्य में रैगिंग हो रही है. अगर चुलबुल को उनके सीनियर्स मूत्र विसर्जन की धमकी दे रहे होते तो चुलबुल अपनी रिवॉल्वर निकालकर बोलते - "हम तुम्हारे शरीर का सबसे छोटा एवं महत्त्वपूर्ण छेद बंद कर देंगे और तुम कन्फूज होकर मूत्र विसर्जन करने के बदले मूत्र विस्फोट से मर जाओगे."

2 .  क्लासरूम में : इस दृश्य में शिक्षक मशीन की परिभाषा पूछ रहे हैं. रणछोड़दास चांचड़ उन्हें सबक सिखाने के लिए नोटबुक की अजीबोगरीब परिभाषा देते हैं. अगर चुलबुल वहाँ होते तो ऐसी परिभाषा देते - "हम छः कोष्ठों से निर्मित एक धुरी पर घूर्णन करने वाला एक यन्त्र भूल आये हैं जिसे हस्त और अँगुलियों से संचालित किया जाता है. इसकी नली से धूम्र और ध्वनि के साथ धातु  की कोणीय बेलनाकार वस्तु अत्यधिक तीव्र गति से निकलती है जो सामने अवरोध के रूप में उपस्थित मानव शरीर से रक्त, मांस एवं अस्थि निकालने के साथ उसे आत्मा की उपस्थिति से मुक्त कर देती है." तब शिक्षक कन्फूज होकर पूछते - "तुम कहना क्या चाहते हो?" ऐसे में चुलबुल बोलते - "मास्टर साहब, हम अपना रिवॉल्वर भूल गए हैं."

3. शादी में भोजन : 3 इडियट्स में खाना खाने के लिए रणछोड़दास चांचड़ अपने दोस्तों के साथ सर पर साफा रखकर घुसते हैं, अगर चुलबुल वहाँ होते तो दोस्तों से कहकर राजमा में जमालगोटा मिलवा देते. फिर सैकड़ों लोग एकमात्र शौचालय  में प्रथम  प्रवेश  हेतु  युद्ध कर रहे होते. दूसरी  तरफ  चुलबुल अपने दोस्तों के साथ चिकन  पर हाथ  साफ़ कर रहे होते.

4. फरहान  की अपने अब्बा  से बहस : अगर फरहान  चुलबुल का दोस्त  होता  तो उसका  सपना  फोटोग्राफी  की जगह देसी  शराब  का ठेका  चलाना  होता. वो अपने अब्बा  से बोलता  - "क्या हुआ  अब्बा अगर मैं इंजीनियर  नहीं बना  और देसी शराब का ठेकेदार  बन  गया ! यही न कि मैं शर्ट पैंट की जगह कुरता और गमछा लपेटकर घूमूंगा? कार पर बीवी के साथ घूमने की बजाय अपनी रखैल के साथ महिंद्रा जीप पर घूमूंगा. आपको कोसने से तो अच्छा है दारु से टल्ली होकर माँ-बहन की गालियाँ देकर खुद को कोसूं." 

5 . वीरू सहस्रपाद से अंतरिक्ष की पेन पर बहस : अगर चुलबुल वहाँ होते तो बहस अंतरिक्ष में चलने वाली पेन की बजाय वहाँ चलने वाली लेज़र गन  पर हो रही होती. वीरू बोलते- "चूंकि अंतरिक्ष में हवा नहीं होती इसलिए बारूद से चलने वाली गन का वहाँ इस्तेमाल नहीं हो सकता. इसलिए करोड़ों डॉलर खर्च करके वैज्ञानिकों ने ये लेज़र गन बनाई." इस पर चुलबुल कन्फूज हो जाते और बोलते- "मास्टर साहब! अगर बारूद वाली बन्दूक का वहाँ इस्तेमाल नहीं हो सकता तो वैज्ञानिकों ने रामपुरिया छुरे का इस्तेमाल क्यूँ नहीं किया? करोड़ों डॉलर खर्च करने की क्या ज़रुरत थी?"

इस विश्लेषण से पता चलता है की मांसपेशियों के साथ-साथ ईश्वर ने चुलबुल को वैज्ञानिक मस्तिष्क भी दिया था. वो स्थिति के अनुसार खुद को ढाल सकते थे - अब चाहे वो यू पी के बदनाम गलियारें हों या टॉप इंजीनियरिंग   कॉलेज. ईश्वर उनके जैसे तीन चार गुणी मनुष्य और धरती पर भेजे!


कॉपीराईट: आलोक रंजन (कृपया लेखक का श्रेय चुराने का कष्ट ना करें)

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गब्बर सिंह' का चरित्र चित्रण: http://alok160.blogspot.com/2011/01/blog-post.html
 'मुन्नी बदनाम हुई' गीत की सप्रसंग व्याख्या: http://alok160.blogspot.com/2010/12/blog-post_5730.html
'शीला की जवानी' गीत का भावार्थ: http://alok160.blogspot.com/2010/12/blog-post.html
शीला की जवानी' का भावार्थ 'आयटम-आचार्य' की आवाज़ में सुनें! http://alok160.blogspot.com/2010/12/blog-post_25.html

6 comments:

sonal said...

इतना जबरदस्त लिखोगे तो लोग चुरायेंगे ही ना .. :-)

Alok Ranjan said...

hahaha...khuda ka shuqr hai churaane laayak saamaan to banaa :)

Anonymous said...

आलोक! ऊं ऊं ऊं रो क्यों रही हूँ?इतनी मेहनत करके,दिल लगा के अपने व्यूज़ दिए थे 'तुम्हारी मुन्नी' भक्ति गीत पर, जाने कहाँ चला गया?

Alok Ranjan said...

Aapke 'views' wahin par hain jahaan aapne chhodey the...aap dekh lijiye :)

Jagat kishore said...

YA DUDE IT WAS REALLY AWESOME......

SUPERB WRITING SKILLS.....

MAN TO KAR RAHA HAI K YAHAN SE LE K APNE WALL PE PASTE KAR DUN...

IF I'LL DO THEN ALSO I'LL MENTION UR NAME......

Alok Ranjan said...

Thanks, Jagat! Please feel free to post :)