कई साल पहले मेरा एक सहपाठी हुआ करता था, जिसका काम लोगों को छोटा महसूस कराना था। अगर किसी ने कोई भी अच्छा काम किया और उसकी तारीफ हुई तो वो तुरंत बताने लगता था कि वो किसी और इंसान को जानता है जो और भी अच्छा काम कर लेता है। उसके सामने आप अपनी किसी चीज के बारे में अच्छा महसूस नहीं कर सकते थे।
सावधानी के लिए मैंने उसका नंबर अपने फोन में ‘गर्व निरोधक गोली’ के नाम से सेव कर रखा था।
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