मध्य प्रदेश में छिंदवाडा से जबलपुर के बीच की सड़क भैंस की चमड़ी जैसी है। बिलकुल काली और पूरी तरह चिकनी। इसलिए जब सुबह-सुबह किराए की स्कार्पियो को उसका मालिक और ड्राईवर सौ की स्पीड पर भगाए ले जा रहा था तो लग रहा था कि गाडी हवा में तैर रही है।
सामने उगता सूरज था और अगल-बगल में हरे-भरे खेत। तभी बगल में सड़क पर एक कुत्ते की लाश दिखी। किसी गाडी ने उसे कुचल दिया था। रक्त और मांस का लोंदा दिख रहा था जिस पर कुत्ते की चमड़ी कहीं कहीं दिख रही थी।
थोड़ी दूर आगे जाने पर एक सफ़ेद इंडिका सड़क से दो सौ मीटर दूर गड्ढे में गिरी दिखी। सिर्फ उसका पिछला हिस्सा सलामत था। तकरीबन आधे घंटे आगे एक बिल्ली की लाश सड़क पर दिखी। चमड़े के बचे हिस्से को देखकर लगा बिल्ली ही होगी।
अब मुझे प्रक्रति का सौंदर्य दिखना बंद हो गया था। मेरा मन उन मृत पशुओं की आख़िरी चीख की कल्पना करने लगा था। पर अभी ये सिलसिला बंद नहीं हुआ था। सड़क पर एक ट्रक खडा था जिसका अगला हिस्सा मचोड़े हुए अखबार की तरह दिख रहा था। सामने एक एम्बुलेंस और कुछ पुलिस वाले खड़े थे। इस हाईवे पर बिल्ली और ट्रक दोनों ही बराबर असुरक्षित थे। साइज़ से कोई फर्क नहीं पड़ता था।
पहली बार ज़िन्दगी में सौंदर्य और मौत को एकसाथ देख रहा था। मन बड़ा बेचैन हो रहा था। तभी अचानक गाडी धीमी हुई। सामने कुछ बसें रुकी हुई थीं। लगा कि अबकी बार काफी बड़ा एक्सीडेंट देखने को मिलेगा। धड़कनें बढ़ गयीं।
धीरे-धीरे करके बसें बढ़ने लगीं और हमारी स्कार्पियो भी गतिमान हुई। और तभी इस जाम का कारण दिखा। सड़क के बीचों-बीच एक भैंस बड़े इत्मीनान से कुछ चबा रही थी। उसके चेहरे पर जो शान्ति थी वो आस्था चैनल पर उपदेश बरसाने वाले अरबपति बाबाओं के चेहरे पर भी नहीं दिखती है।
मैंने भैंस को ध्यान से देखा। उसने भी एक नज़र मुझे देखा फिर मुझे इग्नोर कर दिया। उसके चेहरे की अनासक्ति (detachment) में चुम्बकीय आकर्षण (magnetic attraction) था। वो भैंस इतनी chilled out थी कि उसे देखकर हॉलीवुड की फिल्मों में कूल बनने की एक्टिंग करने वाले भी शर्मा जाएँ।
आस-पास एयरकंडीशंड गाड़ियों वाले किसी तरह से बचते-बचाते अपनी गाड़ियां निकाल रहे थे। उनके चेहरों पर परेशानी थी पर धूप में खड़ी भैंस के चेहरे पर परम शीतलता थी। उसे न कहीं जाने की जल्दी थी और न कहीं पहुँचने की तड़प। उसे न कुछ पाना था, न कुछ बचाना था। वो पूरी तरह वर्तमान पल (present moment) में थी।
मेरे लैपटॉप पर नॅशनल जियोग्राफिक वालों का बनाया हुआ टाइगर का वॉलपेपर है। सोचता हूँ उसे हटाकर भैंस का वॉलपेपर लगा लूं।
जिसने आजकल की भागमभाग वाली ज़िन्दगी के हाईवे पर भैंस की तरह शांत रहना सीख लिया उसने सब-कुछ पा लिया।
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